डोनाल्ड ट्रंप के संभावित दूसरे कार्यकाल को लेकर सारी दुनिया की नजरें अमेरिकी चुनाव पर टिकी हैं। चुनाव परिणामों का अमेरिका ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। यदि ट्रंप फिर से राष्ट्रपति बनते हैं, तो कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
1. इमिग्रेशन:
- और सख्त नीतियां: ट्रंप अवैध प्रवासन पर लगाम कसने के लिए और भी सख्त नीतियां लागू कर सकते हैं।
- सीमा पर दीवार का निर्माण: अपने पहले कार्यकाल के मुख्य चुनावी वादा को तेजी से पूरा करने की कोशिश की जा सकती है।
- H1B वीजा नियमों में कड़ाई: ट्रंप प्रशासन अमेरिकी नागरिकों के लिए नौकरियों को प्राथमिकता देने की बात करता रहा है, जिससे H1B वीजा प्राप्त करना और भी मुश्किल हो सकता है।
2. टैक्स और अर्थव्यवस्था:
- अमीरों को फ़ायदा, गरीबों को नुकसान?: टैक्स में कटौती की नीति जारी रह सकती है, जिससे अमीरों और कंपनियों को फायदा होगा, लेकिन सामाजिक असमानता बढ़ने की भी आशंका है।
- संरक्षणवाद और ट्रेड वार: ट्रंप “अमेरिका फर्स्ट” की नीति में विश्वास रखते हैं और चीन सहित अन्य देशों के साथ ट्रेड वार तेज होने की संभावना है, जिसका वैश्विक अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
3. स्वास्थ्य सेवा (Healthcare):
- ओबामाकेयर को खत्म करने की कोशिश: ट्रंप प्रशासन “ओबामाकेयर” को खत्म करने की कोशिश करता रहा है और दूसरे कार्यकाल में भी यह प्राथमिकता रहेगी, हालांकि इसे पूरी तरह खत्म करना आसान नहीं होगा।
4. गर्भपात (Abortion):
- रोक लगाने के प्रयास तेज: ट्रंप गर्भपात के विरोधी रहे हैं और उनके द्वारा इसे गैरकानूनी ठहराने के प्रयास तेज होने की संभावना है। सुप्रीम कोर्ट में अब रूढ़िवादी न्यायाधीशों का बहुमत है, जिससे ऐसा होना संभव भी है।
5. व्यापार और टैरिफ:
- संरक्षणवादी नीतियाँ: ट्रंप के “अमेरिका फर्स्ट” नीति के तहत, अमेरिकी कंपनियों और नौकरियों को प्राथमिकता देने के लिए संरक्षणवादी नीतियां और तेज हो सकती हैं।
- चीन के साथ व्यापार युद्ध: चीन के साथ वर्तमान व्यापार तनाव बढ़ सकता है, जिससे टैरिफ और बढ़ सकते हैं और वैश्विक व्यापार प्रभावित हो सकता है।
- नए व्यापार समझौते: ट्रंप अन्य देशों के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौतों को भी प्रोत्साहित कर सकते हैं, जो अमेरिका के लिए अधिक अनुकूल हों।
6. LGBTQ और नागरिक अधिकार:
- रूढ़िवादी दृष्टिकोण का बोलबाला: ट्रंप प्रशासन रूढ़िवादी न्यायाधीशों को नियुक्त करने पर जोर देता रहा है, जिससे LGBTQ अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
- विवाह समानता और भेदभाव विरोधी कानून: समलैंगिक विवाह और भेदभाव विरोधी कानूनों को लेकर चुनौतियां देखने को मिल सकती हैं।
7. नियमन (Regulation):
- व्यावसायिक नियमों में ढील: ट्रंप प्रशासन व्यावसायिक नियमों को कम करने और मुक्त बाजार नीतियों को बढ़ावा देने पर जोर दे सकता है।
- पर्यावरण नियमों में कटौती: पर्यावरण संरक्षण के लिए बनाए गए कई नियमों को कमजोर किया जा सकता है, जिससे पर्यावरणविदों की चिंता बढ़ेगी।
8. संघीय नौकरशाही और राष्ट्रपति के अधिकार:
- कार्यकारी शक्ति का केंद्रीकरण: ट्रंप राष्ट्रपति के रूप में अपनी शक्तियों का और अधिक केंद्रीकरण कर सकते हैं और संघीय नौकरशाही को कमजोर करने की कोशिश कर सकते हैं।
- कांग्रेस के साथ टकराव: विभिन्न मुद्दों पर कांग्रेस के साथ टकराव की स्थिति और भी तेज हो सकती है, जिससे कानून बनाने की प्रक्रिया प्रभावित होगी।
9. एफोर्डेबल केयर एक्ट और स्वास्थ्य सेवा:
- ओबामाकेयर को बदलने के प्रयास: ट्रंप प्रशासन “ओबामाकेयर” को बदलने के लिए एक नई स्वास्थ्य योजना लाने का प्रयास कर सकता है, हालांकि इसके लिए कांग्रेस का समर्थन मिलना जरूरी होगा।
10.जलवायु और उर्जा:
- पेरिस समझौते से दूरी: ट्रंप प्रशासन पेरिस जलवायु समझौते से दूरी बनाकर रखेगा और जलवायु परिवर्तन को लेकर अपने रुख में कोई बदलाव की संभावना नहीं है।
- जीवाश्म ईंधन को बढ़ावा: कोयला और तेल जैसे जीवाश्म ईंधन उद्योगों को बढ़ावा देना जारी रहेगा, जबकि नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर ध्यान कम रहेगा।
11. राष्ट्रीय सुरक्षा:
- रक्षा बजट में बढ़ोतरी: ट्रंप प्रशासन राष्ट्रीय सुरक्षा को अपनी प्राथमिकता बनाए रखेगा और रक्षा बजट में और बढ़ोतरी की जा सकती है।
- आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई तेज: आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई को और तेज किया जा सकता है, जिसमें ड्रोन हमलों और विदेशी हस्तक्षेप की संभावना बढ़ जाएगी।
12. दुनिया में अमेरिका की भूमिका:
- “अमेरिका फर्स्ट” नीति का जोर: ट्रंप प्रशासन “अमेरिका फर्स्ट” नीति पर जोर देता रहेगा और अंतर्राष्ट्रीय समझौतों और संस्थानों से अपनी दूरी बनाए रख सकता है।
- चीन के साथ तनाव: चीन के साथ रणनीतिक और आर्थिक प्रतिस्पर्धा और तेज होने की उम्मीद है, जिसका वैश्विक संतुलन पर प्रभाव पड़ेगा।
- रूस के साथ संबंध: रूस के साथ संबंध अभी भी अनिश्चित हैं और ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में इन संबंधों का भविष्य स्पष्ट नहीं है।