रिटायरमेंट जीवन का एक अहम पड़ाव है। ज़िन्दगी की भागमभाग से मुक्ति पाकर आराम करने और अपने शौक़ों को पूरा करने का समय। लेकिन, यह समय तभी सुखद हो सकता है जब आपके पास पर्याप्त संसाधन हों। सेवानिवृत्ति की योजना बनाना बहुत ज़रूरी है, खासकर अगर आप 60 साल की उम्र से पहले ही रिटायर होना चाहते हैं।
रिटायरमेंट प्लानिंग जितनी जल्द की जाए उतना अच्छा है।
कई लोग मानते हैं कि सेवानिवृत्ति की योजना बनाना 50 या 55 साल की उम्र में शुरू किया जा सकता है, लेकिन जितनी जल्दी आप योजना बनाना शुरू करेंगे, उतना ही बेहतर होगा। छोटी उम्र में शुरुआत करने से आपको लंबे समय तक निवेश करने का मौका मिलता है, जिससे आपका पैसा ज्यादा बढ़ सकता है।
अगर कोई व्यक्ति जल्द रिटायर करना चाहता है तो उसके लिए यह और भी जरूरी है।
60 साल की उम्र से पहले रिटायर होने का मतलब है कि आपके पास कम समय होगा पैसे बचाने और निवेश करने के लिए। इसलिए, इस स्थिति में आपको अपनी आय का अच्छी तरह प्रबंधन करना होगा और ज़्यादा पैसे बचाने के लिए ज़रूरी कदम उठाने होंगे।
रिटायरमेंट के बाद आपके कुछ खर्च घट जाते हैं, लेकिन कुछ नए खर्च बढ़ जाते हैं।
- काम से जुड़े खर्च: रिटायरमेंट के बाद आपको ऑफिस जाने की ज़रूरत नहीं पड़ती है, जिससे पेट्रोल, ट्रांसपोर्ट और पेशेवर खर्चों में कमी आती है।
- पेशेवर पोशाक: रिटायरमेंट के बाद आपको रोज़ाना ऑफिस जाने के लिए पेशेवर पोशाक खरीदने की ज़रूरत नहीं पड़ती, जिससे इस खर्च में कमी आती है।
- खाना खर्च: रिटायरमेंट के बाद आपके खाना खर्च में भी कमी आ सकती है क्योंकि आप घर पर ही रहेंगे और बाहर खाने जाने का खर्च घट जाएगा।
- मनोरंजन: रिटायरमेंट के बाद आप अपने शौक़ों पर समय और पैसा खर्च करना चाहेंगे, जैसे यात्रा, खेल, हॉबी आदि।
- स्वास्थ्य व्यय: रिटायरमेंट के बाद आपकी सेहत पर ज़्यादा ध्यान देना पड़ता है, इसलिए स्वास्थ्य व्यय (मेडिकल बिल, दवाएं, आदि) में बढ़ोतरी हो सकती है।
- घरेलू खर्च: रिटायरमेंट के बाद आप घर पर ज़्यादा समय बिताएंगे, इसलिए घरेलू खर्च (घर की सफाई, बागबानी, रखरखाव, आदि) में बढ़ोतरी हो सकती है।
- घर का रखरखाव: रिटायरमेंट के बाद घर का रखरखाव भी ज़रूरी हो जाता है, जिसके लिए आपको अलग से पैसा खर्च करना होगा।
- यात्रा: रिटायरमेंट के बाद आप ज़्यादा यात्रा करना चाहेंगे, जिसके लिए आपको यात्रा व्यय करना होगा।
- शिक्षा: अगर आप अपने परिवार में किसी की शिक्षा के लिए पैसा देते हैं, तो रिटायरमेंट के बाद यह खर्च घट सकता है, लेकिन अगर आप अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाना चाहते हैं, तो यह खर्च बढ़ सकता है।
- सामाजिक खर्च: रिटायरमेंट के बाद आप ज़्यादा सामाजिक गतिविधियों में भाग लेंगे, जैसे क्लब ज्वाइन करना, मित्रों के साथ भोजन करना, आदि, जिसके लिए खर्च करना होगा।
रिटायरमेंट के लिए बेस्ट स्ट्रेटेजी
- लक्ष्य निर्धारित करें: सबसे पहले, यह तय करें कि आपको रिटायरमेंट में कितना पैसा चाहिए। इसके लिए, अपने खर्चों का अंदाज़ा लगाएं और रिटायरमेंट के बाद अपनी जीवनशैली के बारे में सोचें।
- शुरूआत जल्दी करें: जितनी जल्दी आप बचत और निवेश शुरू कर सकते हैं, उतना ही बेहतर है। समय के साथ निवेश बढ़ने का मौका मिलता है।
- निवेश योजना बनाएं: रिटायरमेंट के लिए विभिन्न निवेश विकल्प हैं, जैसे शेयर, म्यूचुअल फंड, रियल एस्टेट, एफडी, आदि। अपने जोखिम भूख और लक्ष्यों के आधार पर एक निवेश योजना बनाएं।
- अपनी आय का अंदाज़ा लगाएं: रिटायरमेंट के बाद आपकी आय क्या होगी, इसका अंदाज़ा लगाएं। रिटायरमेंट पेंशन, बचत और निवेश के माध्यम से आने वाली आय को जोड़ें।
- खर्च कंट्रोल करें: रिटायरमेंट के बाद आपके खर्च पर कंट्रोल ज़रूरी है। आपके खर्च कितने होंगे, इसका अंदाज़ा लगाकर अपने खर्च को कंट्रोल करने की योजना बनाएं।
- अपने ऋणों को चुका दें: रिटायरमेंट से पहले जितना हो सके अपने ऋणों को चुका दें। ऋणों का बोझ आपकी रिटायरमेंट योजना पर भारी पड़ सकता है।
- स्वास्थ्य बीमा लें: रिटायरमेंट के बाद स्वास्थ्य व्यय में बढ़ोतरी हो सकती है, इसलिए स्वास्थ्य बीमा ज़रूर ले लें।
- अपने सेहत का ध्यान रखें: रिटायरमेंट के बाद सेहत पर ज़्यादा ध्यान देना ज़रूरी है। स्वास्थ्य बीमा के अलावा, नियमित चेकअप करवाते रहें और एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाएँ।
- रिटायरमेंट के बाद की योजना बनाएं: रिटायरमेंट के बाद आप क्या करना चाहते हैं, इसकी योजना बनाएं। अपने शौक़ों को पूरा करने के लिए समय निकालें, यात्रा करें, नए सीखें, या किसी सामाजिक कार्य में शामिल हो जायें।
- नियमित रिव्यू: रिटायरमेंट योजना बनाने के बाद उसे नियमित रूप से रिव्यू करते रहें। आपकी आय, खर्च, और निवेश योजना में ज़रूरी बदलाव करें।
रिटायरमेंट की योजना बनाना एक लंबी प्रक्रिया है। अपनी योजना बनाते समय अपने लक्ष्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखना बेहद ज़रूरी है।