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Guru Nanak Jayanti 2024: एक ओंकार का जश्न, दुनिया भर में गूंजेगा “सतनाम वाहेगुरु”

Guru Nanak Jayanti 2024: सिख धर्म में गुरु नानक जयंती का विशेष महत्व है। इस दिन गुरुद्वारों में भजन-कीर्तन व लंगर आदि का आयोजन किया जाता है। जानें इस साल गुरु नानक जयंती कब है|

सिख धर्म के संस्थापक, गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व, गुरु नानक जयंती, सिर्फ़ एक धार्मिक त्योहार नहीं, बल्कि मानवता के नाम एक ऐसा उत्सव है जो हमें प्रेम, समानता और भाईचारे का संदेश देता है। हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाने वाला यह पर्व इस बार 27 नवंबर, मंगलवार को आ रहा है। यह दिन गुरु नानक देव जी के जीवन और उनकी शिक्षाओं को याद करने का दिन है, जिन्होंने अपने समय के रूढ़िवादी विचारों को चुनौती दी और एक ऐसे समाज की नींव रखी जहां सभी को समानता और सम्मान मिले

गुरु नानक जयंती कब है 2024?

साल 2024 में, गुरु नानक जयंती 27 नवंबर, मंगलवार को मनाई जाएगी।

गुरु नानक देव जी: एक संत, एक समाज सुधारक

गुरु नानक देव जी का जन्म 1469 में तलवंडी, पंजाब (अब पाकिस्तान में ननकाना साहिब) में हुआ था। उन्होंने अपने समय की जटिल परंपराओं और अंधविश्वासों का विरोध किया और लोगों को एक ईश्वर, सत्य, और नैतिकता का रास्ता दिखाया। उन्होंने “एक ओंकार” की अवधारणा दी, जिसका अर्थ है कि ईश्वर एक है और वह सब में व्याप्त है। उन्होंने कहा कि ईश्वर को पाने का रास्ता भक्ति, अच्छे कर्मों और मानवता की सेवा में है।

गुरु नानक जयंती का महत्व:

गुरु नानक देव जी ने एक ईश्वर, समानता, भाईचारे और मानवता का संदेश दिया। उन्होंने जाति, धर्म, और ऊँच-नीच के भेदभाव को मिटाने का प्रयास किया। गुरु नानक जयंती, उनकी शिक्षाओं को याद करने और उनके आदर्शों पर चलने की प्रेरणा देने का दिन है।

कैसे मनाई जाती है गुरु नानक जयंती?

1. प्रभात फेरियाँ: इस पावन दिन की शुरुआत सुबह-सुबह गुरुद्वारों से निकलने वाली प्रभात फेरियों से होती है, जिनमें लोग भजन-कीर्तन करते हैं और गुरु वाणी का प्रचार करते हैं।

2. अखंड पाठ: जयंती से दो दिन पहले गुरुद्वारों में गुरु ग्रंथ साहिब का अखंड पाठ आरंभ हो जाता है, जो लगातार चलता रहता है।

3. नगर कीर्तन: जयंती वाले दिन, शानदार नगर कीर्तन निकाला जाता है, जिसमें पंच प्यारे अगुवाई करते हैं और श्रद्धालु उनके पीछे-पीछे भजन गाते हुए चलते हैं।

4. गुरुद्वारा सजावट: दुनिया भर के गुरुद्वारों को इस खास अवसर पर फूलों, रंगोली, और रोशनी से सजाया जाता है।

5. दिव्य दर्शन: लोग नए वस्त्र धारण कर गुरुद्वारे जाते हैं और गुरु ग्रंथ साहिब के दर्शन करते हैं और अपना शीश नवाते हैं।

6. भजन-कीर्तन: पूरे दिन गुरुद्वारों में भजन-कीर्तन का आयोजन होता है, जिसमें गुरु नानक देव जी के शब्दों और शिक्षाओं को गाया जाता है।

7. लंगर: गुरुद्वारों में सभी के लिए भोजन (लंगर) की व्यवस्था की जाती है, जिसमें बिना किसी भेदभाव के सभी लोग एक साथ बैठकर भोजन ग्रहण करते हैं।

8. सत्संग और प्रवचन: गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं पर प्रवचन और सत्संग का आयोजन किया जाता है ताकि लोगों को उनके जीवन और संदेश के बारे में अधिक से अधिक जानकारी मिल सके।

9. सेवा और दान: कई लोग जरूरतमंदों की सेवा करके या दान देकर यह दिन मनाते हैं।

10. घरों में दीपमाला: शाम को घरों में दीप जलाकर, मिठाई बाँटकर और एक दूसरे को शुभकामनाएं देकर यह पर्व मनाया जाता है।

11. गुरु वाणी का पाठ: कई परिवारों में, गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं को याद करने के लिए गुरु ग्रंथ साहिब या उनके द्वारा रचित वाणी का पाठ किया जाता है।

12. नाटक और प्रदर्शनियां: गुरु नानक देव जी के जीवन और उपदेशों पर आधारित नाटकों और प्रदर्शनियों का आयोजन करके लोगों को उनकी शिक्षाओं से अवगत कराया जा सकता है।

गुरु नानक जयंती का संदेश:

गुरु नानक देव जी ने हमें प्रेम, सद्भावना, समानता, और ईमानदारी का संदेश दिया। उनकी शिक्षाएं आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी कि पहले थीं। यह दिन हमें उनके संदेशों को याद करने

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